बैंक डूबने पर क्या होगा आपके पैसों का | Deposit Insurance
Bank Deposit Insurance
: जब भी हम लोग बैंक में अपनी मेहनत की कमाई जमा करते हैं, तो मन में एक सवाल ज़रूर आता है कि अगर बैंक डूब गया तो क्या होगा. क्या हमारा पैसा सुरक्षित है. खासकर जब से छोटे बैंकों के साथ कुछ दिक्कतें हुई हैं, यह सवाल और भी ज़रूरी हो गया है. दरअसल, भारत में आपके पैसों को सेफ रखने के लिए RBI के अंडर में एक DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) नाम की संस्था काम करती है. यह संस्था हर Depositor के ₹5 लाख तक के जमा पैसों का इंश्योरेंस करती है. यह बहुत ज़रूरी जानकारी है जो हर किसी को पता होनी चाहिए ताकि आपको अपने पैसे की सुरक्षा का पक्का भरोसा रहे.
₹5 लाख का क्या हिसाब है और क्या-क्या कवर होता है?
आपको यह बात अच्छे से समझनी चाहिए कि यह ₹5 लाख की लिमिट हर Depositor के लिए और हर बैंक के लिए अलग-अलग है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपके पास SBI और PNB में अलग-अलग खाते हैं, तो आपका पैसा दोनों बैंकों में ₹5 लाख तक सुरक्षित है. लेकिन अगर एक ही बैंक की अलग-अलग ब्रांच में आपके कई खाते हैं, तो उन सबको मिलाकर भी सिर्फ़ ₹5 लाख तक का ही इंश्योरेंस कवर मिलेगा. इस लिमिट में आपका Savings Account, Fixed Deposit (FD), Current Account, और Recurring Deposit (RD) सब कुछ शामिल होता है, और इसमें मूल राशि के साथ-साथ जो ब्याज मिला है, वह भी गिना जाता है.
अगर जमा राशि ₹5 लाख से ज़्यादा हो तो क्या होगा?
यह बहुत ज़रूरी सवाल है जो ज़्यादातर लोग पूछते हैं. अगर आपका बैंक में ₹5 लाख से ज़्यादा पैसा है, तो ₹5 लाख तक का पैसा तो DICGC आपको 90 दिनों के अंदर दे देगा. लेकिन जो बाकी का पैसा है, जैसे अगर आपके ₹7 लाख जमा हैं, तो ₹2 लाख के लिए आपको इंतज़ार करना होगा. यह पैसा आपको बैंक की Liquidation यानी दिवालिया होने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही मिल सकता है. और इसमें बहुत ज़्यादा समय लग सकता है. साथ ही, इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आपको यह पूरा पैसा वापस मिलेगा या नहीं. इसलिए, यह समझना बहुत ज़रूरी है कि इंश्योरेंस सिर्फ़ ₹5 लाख तक ही है.
बैंक फेल होने पर पैसा कब मिलता है?
अगर किसी वजह से कोई बैंक दिवालिया हो जाता है या RBI उस पर कोई सख्त पाबंदी लगा देती है (जिसे All Inclusive Directions कहते हैं), तो DICGC क़ानूनी तौर पर 90 दिनों के अंदर-अंदर Depositor को उनका ₹5 लाख तक का पैसा वापस करता है. यह प्रक्रिया तब शुरू होती है जब बैंक 45 दिनों के अंदर DICGC को सभी Depositors की जानकारी सौंपता है. फिर DICGC उन दावों को 30 दिन में जाँचता है, और अगले 15 दिन में पैसा Depositors को लौटा दिया जाता है. यह नियम खासकर 2021 में आए एक नए क़ानून के बाद बनाया गया, ताकि छोटे Depositors को जल्द से जल्द उनका पैसा मिल सके.
कौन सी जमा पूंजी पर Insurance नहीं मिलता?
ज़्यादातर लोगों को लगता है कि बैंक में रखा हर पैसा इंश्योर्ड होता है, पर ऐसा नहीं है. कुछ तरह के डिपॉजिट्स हैं जिनका Insurance नहीं होता है, और यह बात आपको पता होनी चाहिए. जैसे कि किसी Central या State Government का Deposit, या किसी Foreign Government का Deposit. इसके अलावा, Non-Banking Financial Companies (NBFCs) में जो पैसा जमा होता है, वह भी इस इंश्योरेंस के दायरे में नहीं आता है. इसलिए, यह जानना ज़रूरी है कि आप किस तरह की संस्था में अपना पैसा जमा कर रहे हैं.

संदीप तिवारी एक मंझे हुए पत्रकार हैं, जिनकी खासियत सरकारी योजनाओं, नियमों और उनके ज़मीनी स्तर पर लागू होने की रिपोर्टिंग में है। उनकी पैनी नज़र और तथ्यों पर आधारित रिपोर्टिंग ही हमारे पाठकों को इतनी विश्वसनीय जानकारी दे पाती है।
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