सरकार का बड़ा ‘Digital Strike’: 3.48 लाख सिम कार्ड बंद | Digital Scam
Digital Strike : आजकल online fraud और cyber crime के मामले बहुत बढ़ गए हैं. हर दिन कोई न कोई नई खबर आती है कि किसी के साथ online धोखा हुआ है. इसी से निपटने के लिए सरकार ने एक बहुत बड़ा कदम उठाया है. दूरसंचार विभाग (DoT) ने हाल ही में 3.48 लाख से ज्यादा SIM cards को बंद कर दिया है जिनका इस्तेमाल scam और fraud के लिए किया जा रहा था. ये SIM cards सिर्फ धोखा देने के लिए ही खरीदे गए थे. सरकार का कहना है कि ये एक तरह का Digital Strike है ताकि इन गलत कामों पर लगाम लगाई जा सके.
आखिर क्यों बंद हुए इतने सारे SIM cards?
यह सब इसलिए किया गया क्योंकि online fraud बहुत बढ़ गया था. ये लोग फर्जी SIM cards का इस्तेमाल करके लोगों को ठगते थे. ऐसे में सरकार को लगा कि इन fraud SIM cards को रोकना बहुत ज़रूरी है. इन्हीं SIM cards के ज़रिए लोगों को phone calls आते हैं और उनके साथ digital scams होते हैं. सरकार ने ये action इसलिए लिया ताकि लोगों के साथ होने वाले financial fraud को रोका जा सके और उनके पैसे सुरक्षित रहें. आपको जानकर हैरानी होगी कि सरकार ने एक बड़े अभियान में अब तक 55 लाख से ज्यादा fraud SIM cards को बंद किया है.
क्या है AI-based तकनीक?
सरकार ने इन frauds का पता लगाने के लिए एक ख़ास AI-based तकनीक का इस्तेमाल किया है. यह एक तरह का surveillance system है जिसे ‘संचार साथी’ पोर्टल के तहत बनाया गया है. इस system में ASTR (Artificial Intelligence and Facial Recognition powered solution) जैसे AI tools शामिल हैं. यह technology हर दिन करीब 2,000 SIM cards को पकड़ रही है, जिनका इस्तेमाल गलत कामों में हो रहा है. इस system का नाम है Financial Risk Indicator. यह mobile numbers को low, medium, और high risk categories में डालता है. इससे बहुत जल्दी पता चल जाता है कि कौन सा नंबर धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल हो रहा है. यह system बैंकों को भी मदद करता है ताकि वो suspicious transactions को रोक सकें. सबसे अच्छी बात यह है कि आप खुद भी इस संचार साथी portal पर जाकर यह check कर सकते हैं कि आपकी ID पर कितने SIM cards चल रहे हैं. अगर कोई fraud SIM है, तो आप उसे वहीं से बंद करा सकते हैं.
भविष्य में SIM card के rules क्या होंगे?
सरकार ने SIM card जारी करने के rules भी अब सख्त कर दिए हैं. इसका मतलब है कि अब नया SIM card लेने के लिए Aadhaar-based biometric verification ज़रूरी हो गया है. पहले की तरह आप सिर्फ documents देकर SIM नहीं ले पाएंगे. इसके अलावा, retailers का verification भी mandatory कर दिया गया है. अगर कोई डीलर बिना registration के SIM बेचता पकड़ा गया तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी. साथ ही, bulk में SIM cards खरीदने पर भी रोक लगा दी गई है. अगर कोई फर्जी SIM card लेता पकड़ा गया, तो उस पर 3 साल तक की जेल और ₹50 लाख तक का जुर्माना हो सकता है. यह कदम हम सबके लिए अच्छा है, ताकि digital world में हम ज्यादा safe महसूस करें.

सरकारी नीतियों और उनके सामाजिक प्रभावों पर ज़बरदस्त पकड़ रखने वाले, प्रदीप शर्मा हमारे मुख्य लेखकों में से एक हैं। वे जटिल से जटिल विषयों को भी इतनी आसानी से समझा देते हैं.


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